Ayodhya (Parampara, Sanskriti, Virasat ) [Hardcover] Yatindra Mishra

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सप्तपुरियों में मोक्षदायिनी, प्रभु श्रीराम की जन्म तथा लीलास्थली होने का गौरव पायी अयोध्या नगरी की सांस्कृतिक परिक्रमा करते हुए इस अध्ययन के माध्यम से उसके हृदय में उपस्थित अध्यात्म, धर्म, दर्शन, समन्वय, त्याग, तपस्या, अनुशासन और मर्यादा की अन्तर्ध्वनियों को विनम्रतापूर्वक रेखांकित करने का प्रयास है। अयोध्या, जो अपने उदार समावेशी चरित्र को व्यक्त करती हुई पौराणिक काल से वर्तमान समय तक मनुष्यता के उच्च आदर्शों को अभिव्यक्त करने के लिए जानी जाती है, उसके अन्तःकरण को आत्मीयता से समझने के लिए इस वैचारिक यात्रा में अयोध्या की भव्य दर्शन-झाँकी के माध्यम से हम उसके सात्विक भाव का आचमन कर सकते हैं। यह नगरी सिर्फ़ धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत, उपवासों व लोक आस्था का केन्द्र ही नहीं है, वरन वह यहाँ के कण-कण में मौजूद उन महान विचारकों, सन्तों, ज्ञानियों, वैरागियों और मधुरोपासना के अद्वितीय साधकों की कर्मस्थली भी रही है। एक ऐसा स्थान, जहाँ से मर्यादा और समन्वय की स्थापना के लिए श्रीरामचरितमानस जैसे ग्रन्थ का प्रणयन हुआ, तो दूसरी ओर जैन धर्म के पाँच प्रमुख तीर्थंकरों की जन्मस्थली होने का गौरव भी इसे मिला। बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध ने वर्षों तक यहाँ वर्षावास किया और ढेरों अनाम भक्तों व राम-नाम का स्मरण करने वाले गायकों ने इसे अमर बनाया।

Product details

  • ASIN ‏ : ‎ B09M6YT257
  • Publisher ‏ : ‎ Vani Prakashan; First Edition (1 March 2023); Vani Prakashan - 4695/21-A, Daryaganj, Ansari Road, New Delhi 110002
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Hardcover ‏ : ‎ 292 pages
  • ISBN-10 ‏ : ‎ 9355180861
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 978-9355180865
  • Reading age ‏ : ‎ 18 years and up
  • Item Weight ‏ : ‎ 3 kg
  • Dimensions ‏ : ‎ 32 x 4 x 32 cm
  • Country of Origin ‏ : ‎ India